एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसा: बोइंग 707 विस्फोट की पूरी कहानी

एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसा भारतीय विमानन इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है। यह हादसा 23 जून 1985 को हुआ था जब एयर इंडिया का बोइंग 707 विमान, जिसे फ्लाइट 171 के नाम से जाना जाता है, उड़ान के दौरान विस्फोट का शिकार हो गया।

एयर इंडिया फ्लाइट 171 क्या थी?
एयर इंडिया फ्लाइट 171 बोइंग 707-437 विमान था जो मुंबई से लंदन होते हुए न्यूयॉर्क जा रहा था। लेकिन टेक-ऑफ के कुछ समय बाद ही इसके इंजन में खराबी आ गई। इस विमान का रजिस्ट्रेशन VT-DMN था और इसका नाम ‘कंचनजंगा’ रखा गया था।

हादसे की वजह क्या थी?
मॉस्को से उड़ान भरने के बाद जैसे ही विमान बॉम्बे एयरपोर्ट (अब मुंबई एयरपोर्ट) पर उतरने की तैयारी कर रहा था, तभी उसके इंजन नंबर 1 में आग लग गई। इससे हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो गया और विमान का नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो गया। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की लेकिन लैंडिंग गियर फेल हो गया और विमान रनवे से फिसल कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

कितने लोगों की मौत हुई?
इस हादसे में कुल 213 लोग सवार थे जिनमें से 17 की मौत हो गई। एयर इंडिया फ्लाइट 171 के हादसे ने भारतीय एविएशन सेक्टर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए थे। इसके बाद DGCA और एयर इंडिया ने इंजन मेंटेनेंस, हाइड्रोलिक सिस्टम चेक और एमरजेंसी प्रोटोकॉल को और सख्त किया।

क्या इससे कोई सबक मिला?
हां, एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसे के बाद भारतीय एविएशन इंडस्ट्री ने मेंटेनेंस, इंजन चेक और एयरक्राफ्ट सेफ्टी के सभी मानकों को और कड़ा किया। यह हादसा बताता है कि विमान सुरक्षा में जरा सी भी लापरवाही कितनी बड़ी जानलेवा हो सकती है।

निष्कर्ष
एयर इंडिया फ्लाइट 171 का हादसा भारत के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। यह उन सभी पायलटों और इंजीनियरों के लिए भी एक सबक है जो हर दिन हजारों यात्रियों की जान की जिम्मेदारी उठाते हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि तकनीकी खराबी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और समय-समय पर जांच बेहद जरूरी है।

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