भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच 29 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह Brexit के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा FTA है और भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति में एक नई उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

समझौते के मुख्य बिंदु
- शुल्कों में कमी: दोनों देशों ने लगभग 95% वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाने या समाप्त करने पर सहमति जताई है।
- सेवाओं का विस्तार: आईटी, शिक्षा, कानूनी सेवाओं और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में पारस्परिक लाभ को बढ़ावा मिलेगा।
- व्यावसायिक वीज़ा: भारत से हर साल 1,800 से अधिक पेशेवरों को UK में कार्य करने के लिए विशेष वीज़ा मिल सकेगा।
- डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस: नई सामाजिक सुरक्षा संधि के तहत भारत से UK गए पेशेवरों को दोनों देशों में टैक्स नहीं देना होगा।
इस समझौते के लाभ
✅ भारतीय निर्यातकों के लिए स्वर्ण अवसर
FTA के लागू होने के बाद भारत से टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी, चाय, मसाले और फार्मा उत्पादों को ब्रिटेन में सस्ता और प्रतिस्पर्धी बनाना आसान होगा। इससे भारतीय MSMEs को निर्यात का बड़ा मंच मिलेगा।
✅ ब्रिटेन को भारतीय बाज़ार में बढ़त
ब्रिटेन के लिए यह समझौता ऑटोमोबाइल (जैसे जगुआर, रेंज रोवर), अल्कोहलिक ड्रिंक्स (स्कॉच), हेल्थकेयर और उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारत में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भारत-UK मुक्त व्यापार समझौता (FTA) बना नए युग की शुरुआत का प्रतीक।
— Amit Malik | अमित मलिक। (@AmitMalik_IND) July 25, 2025
– 99% भारतीय निर्यात को UK में ड्यूटी फ्री एंट्री
– व्यापार में होगा दोगुना इज़ाफा
– बढ़ेंगे रोजगार, बढ़ेगा निवेश, बढ़ेगा विकास
विकसित भारत की ओर बढ़ते मजबूत क़दम!@blsanthosh #IndiaUKFTA #PMModiInUK pic.twitter.com/jE2qHhHvtr
राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस समझौते को “नई वैश्विक साझेदारी की नींव” बताया। यह समझौता न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह भारत‑ब्रिटेन रणनीतिक रिश्तों को भी नई मजबूती देगा।
“यह समझौता दोनों देशों के युवाओं, व्यापारियों और निवेशकों के लिए अवसरों का सृजन करेगा” — पीएम नरेंद्र मोदी
भारत की FTA रणनीति में यह क्यों है खास?
भारत अब तक ऑस्ट्रेलिया, यूएई, जापान, कोरिया और ASEAN जैसे देशों से FTA कर चुका है। लेकिन यूके के साथ FTA इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- ब्रिटेन, भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
- भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में 110,000 से अधिक लोगों को रोज़गार देती हैं।
- ब्रिटेन में रहने वाले 16 लाख भारतीय मूल के लोग सांस्कृतिक और आर्थिक पुल का कार्य करते हैं।

संभावित चुनौतियाँ
⚠️ घरेलू उत्पादकों पर दबाव
ब्रिटेन से सस्ते उत्पादों के आगमन से भारतीय घरेलू विनिर्माता, खासकर ऑटोमोबाइल और डेयरी सेक्टर, पर दबाव बन सकता है।
⚠️ सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा
यूके की एजुकेशन, कंसल्टिंग और फाइनेंस कंपनियां भारत में ज़्यादा प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकती हैं, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों को तैयारी करनी होगी।
आंकड़ों में भारत–यूके व्यापार
वर्ष | द्विपक्षीय व्यापार ($ अरब) | भारत से निर्यात | यूके से आयात |
---|---|---|---|
2022 | 19.4 | 10.3 | 9.1 |
2025 (उम्मीद) | 28+ | 15.5+ | 13+ |
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
- फिक्की: “यह समझौता भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन में सशक्त बनाएगा”
- CII: “एमएसएमई निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलेगा”
- NASSCOM: “आईटी सेक्टर को यूके में और विस्तार का मौका मिलेगा”
भारत मतलब व्यापार ! 🇮🇳
— हरीश भारतीय (@harishchawla49) June 10, 2025
* एक अफ्रीकी देश के साथ पहला व्यापार समझौता।
* भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता 2022.
* भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता।#11YearsOfRakshaShakti pic.twitter.com/N1F5bYicvL
डिजिटल व्यापार और ई-कॉमर्स
FTA में डिजिटल डेटा सुरक्षा, ई-कॉमर्स नीति, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है। यह दोनों देशों के AI, fintech, और cross-border digital economy को नई दिशा देगा।
भविष्य की राह
इस समझौते को अब दोनों देशों की संसदों से मंज़ूरी मिलनी बाकी है। अनुमान है कि यह दिसंबर 2025 से लागू हो जाएगा। तब तक, उद्योग और नीति-निर्माता FTA के तहत संभावनाओं को लागू करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर
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