भारत, अपने विशाल भूगोल और विविध स्थलाकृति के कारण, दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है जहाँ जलवायु अत्यधिक विविध है। हिमालय की बर्फ़ से लेकर थार रेगिस्तान की तपती रेत और समुद्री तटों की नमी तक, हर क्षेत्र की जलवायु अलग-अलग है। यह विविधता कृषि, संस्कृति और जीवनशैली पर सीधा प्रभाव डालती है।
भारत की जलवायु की प्रमुख विशेषताएं (Key Features of India’s Climate)
- विविध जलवायु क्षेत्र
भारत को मुख्यतः पाँच जलवायु क्षेत्रों में बाँटा गया है:- उष्णकटिबंधीय आर्द्र (केरल, गोवा)
- उष्णकटिबंधीय शुष्क (राजस्थान, गुजरात)
- उपोष्णकटिबंधीय (उत्तर भारत)
- पर्वतीय (हिमालय क्षेत्र)
- तटीय (तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल)
- मानसून का प्रभाव
भारतीय जलवायु का सबसे अहम पहलू है मानसून। जून से सितंबर तक चलने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के 70% से अधिक वर्षा का स्रोत है। - चार प्रमुख ऋतुएं
- ग्रीष्म (मार्च से जून)
- वर्षा (जून से सितंबर)
- शरद/शीत (अक्टूबर से फरवरी)
- वसंत (फरवरी–मार्च)
प्रकृति का कहर…पिछले कुछ सालों में ऐसी घटनाएं बढ़ी है …इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जल, जंगल और जमीन से छेड़छाड़… वनों का दोहन और आधुनिकीकरण.. जलवायु परिवर्तन के लिए हम जिम्मेदार ..उत्तराखंड और हिमाचल आज सबसे अधिक त्रस्त हो चुके और सरकार लाचार pic.twitter.com/DhogNJ9hsq
— Yogesh Sharma (@yogesh2727sh1) August 5, 2025
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव (Impact of Climate Change in India)
भारत जलवायु परिवर्तन के खतरे का सबसे ज्यादा सामना करने वाले देशों में शामिल है। हाल के वर्षों में:
कृषि उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है, जिससे खाद्य सुरक्षा को खतरा है।
हीटवेव और सूखे की घटनाएं बढ़ी हैं।
चक्रवात अधिक तीव्र और बारंबार हो रहे हैं।
समुद्र का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षरण और बाढ़ का खतरा बढ़ा है।
सरकारी पहल और नीतियाँ (Government Initiatives)
भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- राष्ट्रीय कार्य योजना जलवायु परिवर्तन (NAPCC)
जिसके अंतर्गत 8 मिशन शामिल हैं, जैसे:- राष्ट्रीय सौर मिशन
- ऊर्जा दक्षता मिशन
- जल मिशन
- सतत कृषि मिशन
- International Solar Alliance (ISA) का नेतृत्व करना
- 2030 तक Net Zero Carbon Emission का लक्ष्य तय करना
कृषि और जलवायु (Climate and Agriculture)
भारत की 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है, और जलवायु में बदलाव सीधे तौर पर कृषि को प्रभावित करता है:
- अनियमित बारिश और बाढ़ से फसलों को नुकसान होता है।
- अत्यधिक गर्मी से मिट्टी की गुणवत्ता और जल की उपलब्धता पर असर पड़ता है।
- फसल चक्र में बदलाव और कीटों की समस्या बढ़ रही है।
Now this is scary. The land surface temperatures in India are crazy. The heat wave is escalating to catastrophic levels. We can act now before it's too late. Yesterday the land surface temperatures was recorded as 62c/143f #ClimateAction #ClimateActionNow #ClimateCrisis pic.twitter.com/74TPGw9G53
— Robert Meya (@MeyaRobert) May 5, 2022
भविष्य की चुनौतियाँ और समाधान (Future Challenges & Solutions)
चुनौतियाँ:
- ग्लेशियरों का पिघलना और जल संकट
- शहरीकरण से बढ़ता तापमान (Urban Heat Islands)
- आपदा प्रबंधन की कमी
समाधान:
- नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश (सोलर, विंड)
- स्मार्ट कृषि तकनीक
- जल संरक्षण योजनाएं
- जन जागरूकता अभियान
निष्कर्ष (Conclusion)
भारत की जलवायु उसकी पहचान, संस्कृति और अर्थव्यवस्था का आधार है। लेकिन आज यह जलवायु संकट के दोराहे पर खड़ी है। समय रहते ठोस कदम उठाकर ही हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और संतुलित वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं। भारत को चाहिए कि वह टिकाऊ विकास और पर्यावरण संरक्षण के संतुलन को बनाए रखते हुए आगे बढ़े।
Disclaimer:
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियां विभिन्न स्रोतों और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।