ट्रैक से उतरी ट्रेन: अहमदाबाद के शिवाजी ब्रिज स्टेशन पर बड़ा हादसा टला

🔹 दिल्‍ली में शिवाजी ब्रिज के पास ट्रेन देरेल: एक सुरागात्मक रिपोर्ट

आज (12 जून 2025) दोपहर लगभग 4:10 बजे, दिल्‍ली के शिवाजी ब्रिज स्टेशन के ठीक पास एक EMU (इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट) लोकल ट्रेन के चौथे कोच के पटरी से उतर जाने की घटना सामने आई। यह ट्रेन हजरत निजामुद्दीन से चलकर गाजियाबाद जा रही थी। हादसे में किसी के घायल या मृत होने की खबर नहीं है, लेकिन एक कोच के पटरियों से उतर जाने से दिल्ली–गाजियाबाद शाखा रूट पर कुछ देर के लिए यातायात बाधित हो गया था |

घटना का समय और स्थान

  • घटना समय: लगभग 4:10 PM (16:10)
  • ट्रेन संख्या: 64419, निज़ामुद्दीन–ग़ाज़ियाबाद EMU
  • लोकेश‍न: शिवाजी ब्रिज स्टेशन के पास, डाउन मेन लाइन
    रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन का चौथा कोच पटरी से उतर गया, लेकिन कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ |

तत्काल राहत कार्य और पुनर्स्थापना

घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे इंजीनियर्स, आरपीएफ और तकनीकी टीमें तुरंत मौके पर पहुँच गईं। क्रेन लगाकर तुरंत ही पटरी से उतरे कोच को वापस सटाया गया। हालांकि बाकी कोच ब्लॉक किए गए थे, लेकिन थोड़े समय में गतिशीलता बहाल की गई।
इसके अलावा आसपास के स्टेशनों पर यात्रियों को मार्ग परिवर्तन और विलंब की जानकारी दी गई थी।

यातायात पर प्रभाव

चूंकि लोकेशन दिल्ली के भीड़भाड़ वाले उपनगर रूट पर है, इसलिए कुछ स्थानीय और एक्सप्रेस ट्रेनों का रूट डायवर्ट हुआ या ड‍िले की गई। परंतु रेलवे अफसरों ने इसे फासीलेटी पूर्वक हैंडल किया और दुर्घटना का तुरंत समाधान निकाला, जिससे सेवाएं संक्षिप्त समय बाद बहाल हो गईं।

जांच और संभावित कारण

उत्तरी रेलवे ने घटना के तुरंत बाद एक प्रारंभिक जांच शुरू की, जिसमें संभावित कारणों में शामिल हैं:

  • ट्रैक की खराबी
  • मैकेनिकल फॉल्ट (रोलिंग स्टॉक में दोष)
  • सिग्नल सिस्टम या संचालन त्रुटि

वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं और आगे की फोरेंसिक जांच के लिए विशेषज्ञ दल लगाए गए हैं।

यात्री सुरक्षा पर चिंताएं

दिल्ली उपशहरों में दैनिक लाखों लोग इस ट्रैक का उपयोग करते हैं। ऐसे में किसी भी सुरक्षा चूक से बड़े हादसे का जोखिम पैदा हो सकता है। इस घटना ने यह संकेत दिया कि लोकल ट्रेन सिस्टम में नियमित ट्रैक और रोलिंग स्टॉक निरीक्षण की आवश्यकता कितनी अहम है।

निष्कर्ष

  • कोई हताहत नहीं, जो राहत की बात है।
  • रेलवे प्रशासन ने त्वरित सुधार किया।
  • परंतु यह एक चेतावनी संकेत है, खासकर उस ट्रैक पर जहाँ अत्यधिक यातायात रहता है।
  • सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे को ऑडिट अभियांत्रिकी (engineering audit) तेज़ करनी चाहिए और त्रुटिपूर्ण ट्रैक या डिब्बों को बदलना चाहिए।
  • इससे भविष्य में बड़े हादसों की आशंका को कम किया जा सकता है।

✳️ आगे क्या करें?

  • रेलवे को फोरेंसिक रिपोर्ट जल्द जारी करनी चाहिए और सामान्य जनता के साथ साझा करना चाहिए।
  • साथ ही नियमित रखरखाव और निरीक्षण रणनीति को और समर्पित करना चाहिए।
  • यात्रियों को भी चाहिए कि वे किसी असामान्य ध्वनि या कंपन के बारे में तुरंत रेलवे अधिकारियों को सूचित करें।

इस घटना ने यह साबित किया कि तकनीकी त्रुटि नस्लन अकेली जिम्मेदार हो सकती है, इसलिए रेलवे निरीक्षण और सुरक्षा प्रोटोकॉल को और कड़ाई से लागू करना चाहिए — ताकि केवल किसी कोच का न सही, बल्कि सैकड़ों-हजारों यात्रियों की जान बचाई जा सके।


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