अहमदाबाद विमान हादसा: टेकऑफ़ के तुरंत बाद क्रैश, 200 से अधिक की मौत

अहमदाबाद विमान हादसा: टेकऑफ के कुछ ही मिनटों में मौत का मंजर, 200 से अधिक लोगों की जान गई

12 जून 2025 को भारत के लिए एक बेहद दर्दनाक दिन साबित हुआ, जब अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहे एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान AI-171 ने टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा सर्दार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के महज दो मिनट बाद हुआ, जब विमान रिहायशी इलाके मेघानीनगर में गिर पड़ा। हादसे के समय विमान में 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे।

हादसे की पूरी घटना

विमान ने दोपहर करीब 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी। कुछ ही देर बाद पायलट ने ‘मेडे’ कॉल जारी की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि विमान में कोई गंभीर तकनीकी समस्या आ गई थी। कुछ ही सेकंड में रडार से संपर्क टूट गया और विमान एक रिहायशी इमारत से टकरा गया। टक्कर के बाद जोरदार विस्फोट हुआ और पूरा इलाका धुएं और आग की लपटों में घिर गया।

जनहानि और घायल

इस हादसे में अब तक 204 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों में विमान के यात्री और जमीन पर मौजूद लोग दोनों शामिल हैं। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हो गई, जो लंदन के लिए यात्रा कर रहे थे। चमत्कारिक रूप से एक ब्रिटिश नागरिक इस हादसे में बच गया और अस्पताल में इलाज के बाद उसकी हालत स्थिर बताई गई है। हादसे में 41 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

राहत एवं बचाव कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड, NDRF, सेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीमें मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य देर रात तक चलता रहा। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी और अन्य भारी मशीनरी का उपयोग किया गया।

जांच और संभावित कारण

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में तकनीकी खराबी या इंजन फेलियर को हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है। विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया गया है और उनकी जांच की जा रही है। अमेरिका और ब्रिटेन की विमानन एजेंसियों ने भी सहयोग की पेशकश की है।

यह विमान हादसा भारत के हालिया इतिहास का सबसे भीषण हवाई हादसा बन गया है। इस घटना ने न केवल सैकड़ों परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि देश और दुनिया को एक बार फिर हवाई सुरक्षा के महत्व पर सोचने को मजबूर कर दिया है। जांच के निष्कर्ष आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।

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